The best Side of shiv chalisa lyricsl
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
लिङ्गाष्टकम्
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब shiv chalisa lyricsl नाम कहाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥